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दर्दनाक माहवारी (Dysmenorrhea): कारण, लक्षण और न्यूरोथेरेपी द्वारा प्राकृतिक उपचार

परिचय

माहवारी (पीरियड्स) महिलाओं के जीवन का एक स्वाभाविक हिस्सा है, लेकिन जब यह अनुभव अत्यधिक दर्दनाक हो जाता है, तो यह रोज़मर्रा की गतिविधियों को भी प्रभावित कर देता है। ऐसी स्थिति को चिकित्सकीय भाषा में डिस्मेनोरिया (Dysmenorrhea) कहा जाता है। यह एक सामान्य स्त्री रोग है जिसमें महिलाओं को माहवारी के दौरान पेट, पीठ या जांघों में तेज़ ऐंठन या दर्द का अनुभव होता है।

हालांकि इसके लिए कई एलोपैथिक दवाएं उपलब्ध हैं, लेकिन वे केवल अस्थायी राहत देती हैं और कभी-कभी साइड इफेक्ट्स का कारण भी बनती हैं। इसी कारण आजकल महिलाएं प्राकृतिक और समग्र चिकित्सा पद्धतियों की ओर रुख कर रही हैं, जिनमें न्यूरोथेरेपी एक प्रभावी और बिना दवा की चिकित्सा पद्धति के रूप में उभर रही है।


डिस्मेनोरिया क्या है?

     

    प्राथमिक डिस्मेनोरिया (Primary Dysmenorrhea)

    यह युवावस्था में मासिक धर्म शुरू होने के कुछ वर्षों के भीतर दिखाई देती है और इसका संबंध किसी भी स्पष्ट स्त्री रोग से नहीं होता। दर्द का मुख्य कारण हार्मोनल असंतुलन होता है, खासकर प्रोस्टाग्लैंडिन्स नामक हार्मोन का अत्यधिक स्राव।

     

    द्वितीयक डिस्मेनोरिया (Secondary Dysmenorrhea):

    यह किसी अंतर्निहित चिकित्सकीय स्थिति के कारण होती है, जैसे:

    एंडोमेट्रियोसिस

    फाइब्रॉइड्स (गांठें)

    पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिज़ीज़ (PID)

    एडीनोमायोसिस


    डिस्मेनोरिया के लक्षण

    पेट के निचले हिस्से में ऐंठन या तीव्र दर्द

    पीठ और जांघों में भारीपन या खिंचाव

    सिरदर्द या थकान

    मतली या उल्टी

    दस्त या कब्ज

    चिड़चिड़ापन और मूड स्विंग्स


    मुख्य कारण

    1. हार्मोनल असंतुलन, विशेष रूप से प्रोस्टाग्लैंडिन्स का अत्यधिक स्राव

    2. तनाव और अवसाद, जिससे हार्मोन प्रभावित होते हैं

    3. गर्भाशय की संरचना में गड़बड़ी

    4. गंभीर स्त्री रोग (जैसे एंडोमेट्रियोसिस, PID आदि)

    5. जीवनशैली से जुड़ी समस्याएं, जैसे अधिक जंक फूड, व्यायाम की कमी, नींद की गड़बड़ी आदि


    न्यूरोथेरेपी से समाधान

    लाजपत राय मेहरा न्यूरोथेरेपी एक वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति है जो शरीर की ग्रंथियों, अंगों और नसों को पुनः सक्रिय करने के लिए विशेष बिंदुओं पर प्राकृतिक दबाव का प्रयोग करती है। यह पद्धति शरीर को स्वयं ही ठीक होने में सहायता करती है, और किसी भी दवा या सर्जरी की आवश्यकता नहीं होती।

    डिस्मेनोरिया में न्यूरोथेरेपी कैसे काम करती है?

     

    1.  हार्मोनल संतुलन बहाल करना:
    न्यूरोथेरेपी के माध्यम से पिट्यूटरी ग्लैंड, थायरॉयड, एड्रिनल और ओवरी से जुड़ी ग्रंथियों को संतुलित किया जाता है। इससे प्रोस्टाग्लैंडिन्स और अन्य हार्मोनों का स्तर नियंत्रित होता है।

    2. गर्भाशय की क्रियाशीलता बढ़ाना:
    गर्भाशय और प्रजनन अंगों से जुड़े पॉइंट्स को एक्टिवेट कर रक्त संचार सुधारा जाता है और ऐंठन में राहत मिलती है।

    3. पाचन तंत्र की सफाई और सशक्तिकरण:
    खराब पाचन और शरीर में टॉक्सिन्स (विषैले तत्वों) का जमाव भी हार्मोनल असंतुलन का कारण बनता है। न्यूरोथेरेपी में लीवर, आंत और पाचन अंगों की सफाई कर शरीर को पुनः ऊर्जा दी जाती है।

     4. नर्वस सिस्टम की सशक्तता:
    स्पाइनल कॉर्ड और नर्वस सिस्टम को संतुलित कर मानसिक तनाव को कम किया जाता है, जिससे दर्द का अनुभव कम होता है।


    उपचार की प्रक्रिया

    न्यूरोथेरेपी में डिस्मेनोरिया के लिए निम्न पॉइंट्स पर काम किया जाता है:

    नाभि क्षेत्र (Umbilical region): जहां से गर्भाशय को नियंत्रित करने वाले स्नायु निकलते हैं।

    पीठ के निचले हिस्से (Lumbosacral region): जहां से Reproductive organs की नसें जुड़ी होती हैं।

    थायरॉयड और पिट्यूटरी पॉइंट्स: हार्मोनल संतुलन के लिए।

    लीवर और छोटी आंत के बिंदु: पाचन को दुरुस्त करने हेतु।

    3 से 5 सिटिंग में ही अधिकांश महिलाओं को दर्द में राहत मिलने लगती है। कुछ मामलों में नियमित सिटिंग की आवश्यकता होती है, विशेषकर यदि द्वितीयक डिस्मेनोरिया हो।


    न्यूरोथेरेपी की प्रमुख विशेषताएं

    बिना दवा और सर्जरी का उपचार

    कोई साइड इफेक्ट नहीं

    शरीर को खुद से ठीक होने की शक्ति देना

    दीर्घकालिक समाधान और जीवनशैली सुधार


    सहायक प्राकृतिक उपाय

    आहार सुझाव:

    आयरन युक्त खाद्य पदार्थ जैसे पालक, चुकंदर

    ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त आहार जैसे अलसी, अखरोट

    कैफीन और अत्यधिक चीनी से परहेज

    योग और प्राणायाम:

    भुजंगासन, वज्रासन, सेतुबंधासन

    अनुलोम विलोम, भ्रामरी आदि तनाव दूर करने वाले प्राणायाम

    घरेलू नुस्खे:

    गर्म पानी की बोतल का प्रयोग

    अदरक व तुलसी का काढ़ा

    त्रिफला चूर्ण रात को गर्म पानी के साथ लेना (शरीर की सफाई के लिए)


    निष्कर्ष

    डिस्मेनोरिया एक सामान्य लेकिन गंभीर स्थिति हो सकती है यदि समय पर ध्यान न दिया जाए। एलोपैथी में इसका केवल लक्षणों का इलाज होता है, जबकि न्यूरोथेरेपी मूल कारण को ठीक करने का प्रयास करती है। यह एक प्राकृतिक, सुरक्षित और दीर्घकालिक समाधान प्रदान करती है।

    यदि आप या आपकी कोई जानने वाली महिला माहवारी के दर्द से परेशान हैं, तो एक बार न्यूरोथेरेपी का अनुभव अवश्य लें। हमारे Neuro Vedic Holistic Healthcare Centers पर अनुभवी और प्रमाणित न्यूरोथेरेपिस्ट के माध्यम से परामर्श व उपचार उपलब्ध है।

    Ram gopal parihar
    Yogic science neuro therapy